विशिष्ट ध्यान
हिन्दी मासिक पत्रिका
Monday, August 8, 2016
निर्दयता का प्रभाव
मेरे पिता जी के एक सहकर्मी थे, कभी-कभार उनका मेरे घर आना जाना होता था। उनके परिवार में चार सदस्य थे - वो खुद, पत्नी व उनके दो बच्चे
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प्रकृति और हम
प्रकृति अर्थात् शक्ति जो हमारे जीवन को संचालित कर रही है, जिससे प्राप्त संसाधनों से हम पोषित हो रहे हैं चिरकाल से। इसका आवरण हमें
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Saturday, August 6, 2016
कोरी नैतिकता
नैतिकता एक सोच है, जो सामाजिक नियम-कायदों, परम्पराओं, रूढ़ियों से ऊपर उठकर सबके हित के बारे में सोचने पर विवश करती है। ये अक्सर हमारे
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एक कुत्ते की व्यथा कथा
मुझे रोटी दो। मैं तुम्हारे घर की घंटी नही बजा सकता। मेरी भाषा तुम समझ नही पाते। जब मैं बहुत भूखा होता हूँ तब अपनी भूख बताने के लिए
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वर्तमान शिक्षा व्यवस्था
आप शिक्षित हैं ? आपने स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है ? यदि आपका उत्तर है “ हाँ “ तो जरा इन प्रश्नों पर गंभीरता से विचार कर स्वयं को उत्तर दीजिए |
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Friday, August 5, 2016
नदियों के किनारे वृक्षारोपण
नदियों के दोनों किनारों पर काफी दूर तक कोई भी मकान नहीं बनाता | न तो खेती की जाती है | उस भूमि को खाली छोड़ दिया जाता है ताकि वर्षा ऋतु में नदियों में जलस्तर बढ़ने या बाढ़ की स्थिति में कोई नुकसान न हो |
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संयुक्त परिवार : बचपन और मीठी यादें
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज के बिना उसका काम नहीं चल सकता। अवसर चाहे ख़ुशी का हो या दुःख का उसे अपने इर्द-गिर्द लोगो की जरुरत पड़ती
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चलें हरियाली की ओर
रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ की जमीन कई मीटर तक एकदम खाली छोड़ी जाती है | वहाँ किसी तरह का कोई निर्माण कार्य नहीं हो सकता |
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